Wednesday, 19 October 2016

जिद

पप्पू की जिद है कि उसको वीडियो गेम चाहिए,
जैसा पड़ोस के रानू के पास है बिलकुल सेम चाहिए,

उस वीडियोगेम पर एमआरपी 3000 / का तख्त है,
और गली के एलोक्ट्रोनिक्स दूकान में उपलब्ध है,

पप्पू पहले बोला, फिर चिल्लाया फिर रो कर डराने लगा,
शाम दाम दंड भेद से माँ को रिझाने लगा,

माँ मान गई अब अब पिताजी की बारी थी
सुप्रीम कोर्ट के बाद हाई कोर्ट की तैयारी थी,

पिताजी के सामने पप्पू ने सारे हथकंडे अपनाए,
कभी गिड़गिगडाया कभी चिल्लाया कभी आंसू बहाए,

मगर पप्पू की सारी दलील बेकार हो गयी,
पिता का दिल जैसे दिल्ली की सरकार हो गई,

थोड़ी देर बाद पपपु ने अपना रौद्र रुप दिखाना शुरू किया,
असहयोग के साथ भूख हड़ताल का आंदोलन कुरु किया,

पिता भी घाघ था पल में हालात को बदल दिया,
उसे रामलीला मैदान के रामदेव के आनदोलन सा कुचल दिया,

दो पुलिसिया चाहते पप्पू की गाल पर धर दिए,
और तिहाड़ के कैदी सा एक कमरे में भर दिया,

रोते पप्पू के चेहरे पर पिताजी को दया न आयी,
6 घण्टे कैद-इ-बंशकक्त की उसे सजा सुनाई

पिछले 4 घंटे से कमरे में पप्पू बंद कमरे में आहे भर रहा है,
मुझे समाझ में नहीं आया की जिद कौन कर रहा है,???

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