Monday, 7 November 2016

असंभव कुछः भी नहीं,कहानी

एक बहुत ही प्रेरणादायक कहानी,
"असम्भव कुछ भी नहीं"

एक बार एक मंत्री से कोई भूल हो गयी,जिसके लिए राजा ने उसको सजाए मौत की सजा सुनाई, मंत्री ने राजा से बहुत माफ़ी मांगी और जिन्दगी भर राजा को अपने दी गई सेवाओं का हवाला दिया तो राजा ने कहा- कि उसका  फैसला तो बदल नहीं सकता मगर मंत्री की सेवाओं के बदले उसे एक मौक़ा दिया की एक थैले में दो पत्थर डाल दिए जाएंगे एक लाल और एक काला और तुम उसमे से एक पत्थर निकालना अगर लाल आया तो मौत और काला आया तो बरी,और इसके लिए उसने एक हाकिम (जज) को नियुक्त किया और इसका फैसला सरेआम करने का आदेश दिया

मंत्री के लिए ये अंतिम मौक़ा था, मगर मंत्री की हाकिम(जज) से भी कोई पुरानी दुश्मनी थी,हाकिम ने भी अपनी दुश्मनी निकाली और उस थैली में दोनों लाल पत्थर भर दिए,

किसी तरह से ये बात मंत्री को पता चली तो उसके हाथ पाँव फूल गए उसे साक्षत अपनी मौत सामने नजर आने लगी,अब उसकी रही सही आशा भी चली गई, अपनी मौत के भय से वो रोने लगा, उसकी एक बेटी थी उसने पिताजी से कहा पिताजी आप चिंता मत कीजिये कल थैली से पत्थर में निकालूंगी बस आप राजा से विनती कीजिये की पत्थर किसी खाई के पास निकाला जाये,

मंत्री ने राजा से विनती की, राजा मान गया, अगले रोज खाई के पास भारी भीड़ थी हाकिम मंत्री को देख कर मुस्कुरा रहा था, मंत्री के चेहरे पर मुर्दानगी छाई हुई थी, जबकि उसकी बेटी अभी भी मुस्कुरारी रही थी, फैसला शुरू हुआ हाकिम ने थैली में 2 लाल पत्थर डाले और घोषणा की की इसमें दो पत्थर है एक लाल और एक काला ,काला मतलब बरी, लाल मतलब मौत ,और थैली मंत्री के बेटी के हवाले कर दी,

मंत्री की बेटी थैली ले कर खाई के पास पहुची और थैली से एक पत्थर निकाला और खाई में डाल दिया,

उसको ऐसा करता देख् हलचल मंच गई राजा ने चिल्ला कर कहा ये क्या किया तुमने???
अब फैसला कैसे होगा,
मंत्री की बेटी ने मुस्कुराते हुए कहा मैंने एक ही पत्थर फेंका है , मतलब आप थैले में दुसरा पत्थर फेंके कर अपना निर्णय सूना सकते है, ये सुनकर हाकिम का चेहरा उतर गया, दुसरा पत्थर लाल था,मतलब राजा ने सोचा की लड़की ने काला पत्थर निकाला था अतः मंत्री को बरी कर दिया गया,

मोरल- जब लगे की सब कुछ खत्म हो गया है, और कुछ नहीं बचा है तो रुकिए ,एक बार फिर सोचिये, कभी भी कोई असफलता स्थायी नहीं होती, हमेशा कंही न् कंही एक रास्ता छुपा है बस उसे तलाशने की जरुरत है, हिम्मत मत हारिये, कोई भी ताला बिना चाबी के नहीं बनता, जहा समस्या है वंही समाधान है, बस एक अलग नजरिये से सोचने की जरुरत है,असंभव कुछः भी नहीं,

No comments:

Post a Comment

आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,