Tuesday, 29 November 2016

लाइफ मंत्रा : अपने लिए जामवंत खुद बनिए

अपने लिए जामवंत खुद बनिए

हर किसी के जीवन में कौई न कोई दुःख, कोई न कोई परेशानी हमेशा  है,और इनके लिए हमेशा वो भगवान् को कोसता है, लेकिन हकीकत ये है कि हम अपने जिस जीवनशैली  में नुक्स निकालते रहते है उसी जीवन शैली को पाने के लिए कोई दिन रात मंदिरो में माथा टेका कड़ता है, 

हमारी जो कुछ भी समस्याएं है वो सिर्फ हमारी बनायी हुई है, और जैसे हमने समस्याएं बनायीं है वैसे समाधान भी बना सकते है, बस ज़रा सी सोच बदलने की देर है, सदियों से हम पढ़ते आये है कि इंसान भगवान् की श्रेष्ठतम रचना है, कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा गया है??? ऐसा इस लिए कहा गया है क्योंकि  केवल इंसान ही है वो सदियों से लेकर आज तक अपनी हर समस्या के निदान से  एक नए आविष्कार तक पहुचा है,पाषाण युग से लेकर से लेकर संचार क्रान्ति के इस युग में निरंतर अपने आप को विकसित किया है, इसके लिए इंसान को प्रेरणा कहा से मिलती है,??

एक आम आदमी और एक सफ़ल आदमी के बीच में अंतर सिर्फ इसी प्रेरणा  का है, एक आम आदमी को जहा खुद को प्रेरित करने के लिए बाहरी शक्तियां चाहिए वंही एक सफल  आदमी अपने अंतः प्रेरणा से खुद को प्रेरित करता है, सफलता का धमाका करने के लिए जो हौसले बारूद चाहिए होता है वो प्रायः सभी के पास होता है मगर इसे धमाके को ब्लास्ट करने के लिए जो प्रेरणा की चिंगारी चाहिए होती है वो हर किसी के पास नहीं होती,हम सब अपने आप में उस हनुमान की तरह है जो खुद अपनी शक्ति नहीं जानते, हमें अपनी शक्ति पहचानने के लिए जिस जामवंत की आवश्यता है वो जामवंत हर किसी के पास नहीं है,

अपने बचपन का एक किस्सा याद आता है, बचपन में अपने स्कुल जाने के लिए एक गली से गुजरना पड़ता था,उस गली के बारे में ये प्रचारित था कि वो गली भूतिया है, इसलिए मैं उस गली से कभी अकेला नहीं गुजरता था,हमेशा किसी के साथ जाता था,एक दिन मैं स्कुल जाने के लिए उस गली के पास खड़ा था और ये देख रहा था कि कोई आये तो उसके साथ गली पार करू, तभी अचानक पास खड़े कुछः कुत्ते मुझ पर भौकने लगे और मुझे दौड़ाने लगे , मैं कुत्तों के डर से उस गली में घुस गया और दौड कर गली पार कर ली, गली पार करने के मैंने अपनी सांसे व्यवस्थित की तब मुझे ख़याल आया की मैंने वो गली बिना किसी डर के पार कर ली जिसे मैं भूतिया समझता था, डरता था, मैं खुश् हुआ की एक अप्रत्याशित घटना में मेरे मन से एक बहुत बड़ा डर निकाल दिया,अब मैं समझ गया था कि अगर मैं एक बार कुत्तों के डर के मारे उस गली को पार कर सकता हूँ तो फिर हर  बार कर सकता हूँ,

एक बार गली पार करने  की प्रेरणा कुत्तों का डर थी, और उसके बाद मैंने आपने मन को समझा लिया की ऐसा भूतिया कुछ भी नहीं है सिर्फ मन का वहम है, यही बात हमारी जिंदगी में हर क्षेत्र में लागू होती है हम अक्सर उन बातों से डरते है वो हमने पहले कभी नहीं की, हमारा ये डर काल्पनिक है हमारे दिमाग की उपज मात्र है, हमारे साथ वही होता है जो हम सोचते है, अगर् हम सोचते है कि हम कर सकते है तो हम सही नहीं अगर हम सोचते है कि हम नहीं कर सकते तो भाई हम सही है,

कई कंपनियां सेल्स प्रमोशन का निरंतर ऑफर देती है वो हमें आधिक् कमीशन का  लालच दे कर सेल्स प्रमोशन के लिए प्रेरित करती है, अधिक कमीशन खत्म,सेल्स खत्म,कई कंपनिया टारगेट का डर दिखा कर हमें सेल्स के लिए प्रेरित करती है, टारगेट का डर खत्म सेल्स खत्म,हम तभी कुछ अतिरिक्त सेल्स करने के लिए प्रेरित होते है जब कोई बाहरी अतिरिक्त फोर्स प्रेरित करे,जब वो बाहरी फाॅर्स खत्म हमारी प्रेरणा खत्म,जो बातें हम बाहरी प्रेरणा से कर सकते है अगर वही बाते अंदुरनी प्रेरणा से प्रेरित हो कर करे तो हमारी प्रेरणा कभी ख़त्म नहीं होगी,

हमारे अंदर के बारूद और ताकत को उपयोग करने के लिए जो चिंगारी चाहिए उसे खुद पैदा कीजिये, जो काम आप खुद कर सकते है उसको दुसरो को भरोसे मत चाहिए, अपने आप से प्रेरणा लीजिए,स्यवं खुद को प्रेरित करिए,

हर इंसान की शारीरिक संरचना सामान है फिर क्यों कुछ लोग दिन प्रतिदिन सफलता की बुलंदिया छुते है और कुछ लोग अभाव में जीने को ही अपनी नियति मानकर संतुष्टि कर लेते है, हर कोई बड़ा और सफल सिर्फ इस लिए नहीं होता की उसका भाग्य अच्छा था बल्कि इसलिए की उसका प्रयास और खुद को प्रेरित करने का तरीकाअच्छा था, आप प्रारंभ तो कीजिये, काम अपने आप हो जाएंगे, आप अपने आप पर भरोसा रखिये पूरी दुनिया आप पर भरोषा करेंगी,

आपने कभी महसूस किया है कि गुस्से में हमारी ताकत कैसे असीमित ढंग से बढ़ जाती है, हम अपने से कही ज्यादा वजनी चीजो को उठा देते है, अपने शारीरिक शक्ति से कही ज्यादा क्षमता कें कार्य कर सकते है, ये शक्ति कहा थी, हमारे अंदर ही थी, जो की एक विशेष परिस्थिति में शरीर से बाहर  आई, इस विशेष परिस्थितयो का निर्माण हम खुद भी कर सकते है, हममे जितनी क्षमता है हम उसका 20 % भी उपयोग करे यो इतिहास रच सकते है,हम में शारिरीक या मानसिक शक्ति कितनी है इसका पता सिर्फ हमें तभी चलता है जब हम पर कोई मुसीबत आती है, वही शक्ति अगर हम अपने आप में साधरण परिस्थितियों में उत्पन्न कर सके तो हमारी सफलता निश्चित है,

अपनी शक्ति पहचानिए,..
अपने भीतर के हनुमान को पहचानिए
आपको हर समय जामवंत नहीं मिलेगा
अपने लिए जामवंत खुद बनिए...

आप कर सकते है...
आप इंसान है...

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