मेरे एक मित्र ने मुझसे पूछा की मैं फेसबुक और व्हात्सप्प में इतना एक्टिव क्यों रहता हूं...उसको और इस तरह के जो भी सवाल कई मित्रो के मन में है उनका जवाब लिखने की कोशिश की है....
जब हमारे घर में एक मेहमान आता है तो उसको हमारे घर के सबसे बेहतरीन कमरे में बैठाते है,उसको वो खिलाते है जो हमारे यहाँ सबसे बेहतर और स्वादिष्ट बनाता है,हमारे घर के कमियों को छुपाने के भरकस प्रयास करते है, फटे सोफे पर एक सुंदर सी चद्दर डाल दी जाती है,जो चीजे साधरणतः घर की सुंदरता बिगाड़ती है वो छुपा दी जाती है, कहने का मतलब ये है कि हम सबको अपना सब से बेहतरीन रूप ही दिखाना चाहते है,ताकि हमारी प्रतिष्ठा हमारा मान ऊँचा रहे,
यही बात हमारी आम जिंदगी के हर पहलु में लागू होती है हम आम जिंदगी में सबको अपने जिंदगी का सबसे बेहतरीन तरफ ही दिखाना चाहते है ताकि हमारा प्रभाव बना रहे, हर किसी में कुछ न कुछ खासियत होती है, कोई अच्छा गा सकता है कोई अच्छा नाच सकता है, कोई अच्छा बोल सकता है और हर कोई एक मंच ढूढता है अपनी इस खासियत को दिखाने की, और मौका मिलने पर कोउ नहीं छोड़ता,
मैं प्रारम्भ से ही एक साधारण और औसत दर्जे का इंसान रहा हु जिसमे कोई स्पेशलिटी नहीं थी, मगर बदलते समय के साथ मुझे ये एहसास हुआ की शायद मैं अपनी भावनाओं को अपने शब्दों में अच्छे व्यक्त कर सकता हूं और अच्छा लिख सकता हूँ, तो मैंने कोशिश की की अपनी इस खासियत को निखारा जाए, अगर मुझ में कुछ अच्छा है तो उसको दुनिया को दिखाया जाए, और मेरे हिसाब से ये प्रतिभा दिखाने के लिए सोशल मीडिया से बेहतर कोई मंच नहीं है, ये वो मंच है जहां बिना किसी को ज्यादा परेशान किये मैं अपना ये स्वार्थ सिद्ध करता हूं,
ये एक कोशिश है अपने आप को दुनिया के भीड़ से अलग करने की, ये सच है कि फूल में सुगंध ही तो तो महक फ़ैल ही जाती है मगर उसके लिए भी हवा का होना आवश्यक है, और ये सोशल मीडिया मेरे इस खासियत के लिए हवा का काम करता है,
और मैं काफी खुश हूं कि इसकी वजह से मुझे कुछ अलग पहचान भी मिली है..
आशा है आप सभी के सह्ययोग से मेरी ये पहचान और प्रखर हो
आप सभी के अभी तक के उत्साह वर्धन का बहुत बहुत आभार
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आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,