खुशियां क्या है???
सालों बाद अपने किसी पुराने दोस्त से मिलना और ये महसूस करना की वो अभी भी वैसा ही है..ये है खुशियां!!!
अपने छोटे बच्चे को खेलते देख कर उसमें अपना बचपन ढूढना ,ये है खुशियां!!!
अपने पत्नी के साथ छोटी से नोक झोंक के बाद उनको मना लेना ये है खुशियां!!!
अपने दोस्तों से बेवजह मिल कर कुछ इधर उधर की बतला लेना ये है खुशियां !!!
अपने किसी पुराने क्रश की fb id में बार बार जा कर उसे निहार लेना ये है खुशियां...
अपने पुरानी यादो को फिर से सीने में उतार लेना ये है खुशियां.!!!!
जो मिला है उसको हस के एन्जॉय करना है खुशियां
जो ना मिला उस के लिए दिल को समझा लेना है खुशियां
किसी ख़ास के कंधे में रखकर दो आंसू बहा लेना है खुशियां,
किसी की ख़ुशी में उसके साथ मुस्कुरा लेना है खुशियां
कमी नहीं जिंदगी में उदासियों के वजहों को
फिर भी हर वजह को भुला देना है खुशियां!!!!!
खुशियां आप के आस पास हर दम है...
बस उसे पहचानने की नजर खुद में जगा लेना है खुशियां....
खुश रहिये...
कभी किसी वजह से...
कभी बिना वजह से...
No comments:
Post a Comment
आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,