Friday, 20 January 2017

मुस्कुराता हु तो वजह पूछ लेते है लोग

मैं उदास रहता हूं तो किसी को फ़िक्र नहीं होती,
मुस्कुराता हु तो वजह पूछ लेते है लोग...

ऊंचाइयां मिले तो बहुत ख़ास हो जाते है
बस गुमनामी में मुह मोड़ लेते है लोग...

जब दुख आया तो मंदिर में भीड़ उमड़ गयी
सुख में तो खुदा भी बदल लेते है लोग..

कोई सूरज सा चमके तो बहुत चुभता है आंखो में
वो कितना जला है ये भूल जाते है लोग..

मुफलिसी की फटी जेब से सिक्कों के साथ रिश्ते भी खो गए
बस अमीरी में ही ख़ास रिश्ता निभाते है लोग...

खूब खुसिया मिलती है किसी को अल्फाजो के पथ्थर मारकर,
खुद का घर भी तो शीशे का है भूल जाते है लोग....

दिन,सप्ताह,महीने और साल ने लोगो से ही सीखा है बदलना
बस मतलब निकाला की नहीं पल में बदल जाते है लोग,

No comments:

Post a Comment

आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,