लाइफ मंत्रा: अपने शौक को मरने मत दीजिये,
आज एक शायरी पढ़ी,
बारिश में भीगने का शौक तो मुझे अब भी बेहद है लेकिन,
अक्सर घर से जिम्मेदारियों का रेनकोट पहन कर निकलता हूं
और ये बात हमारे जैसे 35 प्लस लोगो के लिए बहुत सच है,अक्सर हम अपने काम,अपनी जिम्मेदारियों अपने अपनो की खुशियों के लिए अपने कुछ शौक को मार देते है,शौक क्या होता है कभी सोचा है, शौक वो काम है जो हम प्राथमिकता से करना चाहते है,वो काम जिसके लिए हम वक्त निकलना चाहते है,जिसको करते समय हमें अपने समय का ध्यान नही रहता,जिसको कर के हमे खुसी हासिल होती है,किसी को समाज सेवा,किसी को पेंटिंग,किसी को डांस,किसी को कुकिंग,किसी को गाने का,किसी को आर्ट,का शौक है,मगर बढ़ती जिम्मेदारियों के साथ अक्सर ये शौक जिम्मेदारियों के बोझ तले दब कर मर जाते है,हम अपनो की खुशियों के लिए,अपने भविष्य के लिए या अपने किसी मकसद के लिए इतना खो जाते है कि अपने शौक को भूल जाते है,
लेकिन अपने शौक को कभी मरने मत दीजिये,उन्हें थोड़ी जिंदगी दीजिये क्योकि यही शौक आपकी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए नई ऊर्जा देता है,जब आप अपने शौक को पूरा कर लेते है तो दिमागी रूप से काफी रिलेक्स होते है और रिलेक्स दिमाग से आपके सारे काम अच्छे से होते है,
मैंने कई लोगो से सुना है कि उनके पास अपने शौक पूरे करने के लिए वक्त नही,उनसे में सिर्फ एक ही बात कहना चाहूंगा कि अगर आप हमेशा व्यस्त रहते है तो आप व्यस्त नही अस्तव्यस्त है,हर किसी के लिए दिन 24 घण्टे का ही होता है,लेकिन अगर वो भी आपको पूरे नही पड़ते तो अपको अपनी लाइफ री-शेडूले करने की जरूरत है,जब आप अपने लिए एक बेहतर इंसान बन जाते है, तो लोगो के लिये और भी अच्छे इंसान बन जाते है,अपने आप को खुश कर सकते है तो औरो को भी खुश कर सकते है,
अपनी जिम्मेदारियों के चलते हमे अपना काफी समय कुछ ऐसे कामो को देना पड़ता है जो हमें पसंद नही होते हुए भी करने पड़ते है क्योंकि वो जरूरी है,जिससे हमारे दिमाग मे तनाव और अवसाद(डिप्रेसन) पैदा होता है,जो हमें चिड़चिड़ा बनाता है,हमारी कार्यक्षमता कम करता है, इसके बचने के लिए हमे कुछ समय ऐसे कार्यो को भी देंना चाहिये जो काम हमे दिल से पसंद है,ये हमारे तनाव एवं अवसाद के लिए एंटीडोट का काम करता है,इससे हम वापस रिफ्रेश होते है,
अपने शौक को अपने व्यस्तता के बहानो से मरने मत दीजिये,,उनके लिए वक्त निकालिये,आपकी एक पहचान आपका शौक भी है,अपनी पहचान बनाये रखने के लिए ही सही अपने शौक जिंदा रखिये,
हमेशा याद रखिये आप अपनी जिम्मेदारियों से नही अपनी प्राथमिकताओं से व्यस्त है,बस कुछ समय के लिए अपने शौक को भी अपने प्राथमिकता बनाइये,
जिंदगी को सिर्फ गुजारिये नही,"जीये"
"लिखना" मेरा शौक है और मेने अपने आप से वादा किया है कि मैं अपनी लाख व्यस्तताओं के बाद भी अपने इस शौक को मरने नही दूंगा,आप अपने आप से ऐसा वादा कब कर रहे है ??
कही ऐसा न हो
"जिस्म ख्वाहिशो में ही अटका रहे
और जिंदगी हमे जी कर चली जाए"
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