Saturday, 12 August 2017

लाइफ मंत्रा: कोई भी काम छोटा नही होता

लाइफ मंत्रा: कोई भी काम छोटा नही होता

अगर आप कभी काटाबांजी आये और किसी से इसकी स्पेशलिटी  के बारे में पूछे तो 95% लोग नगर की जो 5 स्पेशलिटी के बारे में बताएंगे उसमे आलीशान होटल,ओमकार मल भवन ,मुस्कान मॉल,के अलावा गोवेर्धन पान मंदिर की बात जरूर होगी,जहां आलीशान और ओमकरमल भवन,मुस्कान मॉल  करोडो की लागत से बने भव्य भवन है,वही एक 1000-2000 रुपये की लागत से शुरू हुई ये दुकान आज प्रसिद्धि में उनशे कम नही बैठती,नगर में ही नही आस पास लोगो के अंचल मे भी इसकी दीवानगी है, इसे लोग 5 स्टार पान दुकान भी कहते है,

इस पान दुकान का मालिक आनंद पंजवानी मेरा सहपाठी और मित्र है,मैं उसे तब से जानता हूं जब से वो एक छोटी सी दुकान में रोज मुश्किल से 100/- 200/- की बिक्री करता था,लेकिन उसे अपने काम पर भरोसा था, एक साधारण पान दुकान जिसे लोग बेहद कम इज्जत वाला व्यवसाय मानते है,और उस समय भी मानते थे,उस व्यवसाय को उसने कभी उसने छोटा नही समझा,उसे दिल से किया और उसका नतीजा आज सामने है,की आज वो आसे पास के लोगो के लिए एक आदर्श है,आज गोवेर्धन पान मंदिर एक ब्रांड है,एक ऐसा ब्रांड जहां लोगो को लगता है कि आज एक पान के 10 से लेकर 100 रुपये देने के बाद भी लोगो को लगता है कि वो अपने पैसे को जस्टिफाई कर रहे है,

ऐसा ही एक उदाहरण आपको देश के हर कोने में मिल जाएगा जहां कई लोगो ने छोटे छोटे काम करके बड़ा बड़ा नाम और पैसा कमाया है,चाहे वो दिल्ली में पराठे वाली गली का पराठे वाला,बर्गर बेचने वाली kfc हो, रायपुर में राठौर चौक में पोहा बेचने वाला,आज देश विदेश में अरबो का टर्नओवर करने वाली हल्दीराम कंपनी,

इन सभी मे खासियत ये थी कि एक छोटी सी सुरुवात कर आज अपने आप मे ये शिखर में है,कारण सिर्फ एक कि इन्होंने जो भी किया दिल से किया,अगर इनका धंधा समाजिक शाख में कुछ कम भी तो भी उसमे अपना इंटरेस्ट इन्होंने कम नही किया,इन्होंने बड़े नाम से अपने धंधे को बड़ा नही किया बल्कि अपने काम और अपने निरन्तरता से अपने छोटे से काम को एक ब्रांड बनाया,और नतीजा आज ये अपने कथित छोटे से काम से बड़े सफलता हासिल की है,

हम अपन मन मे हर काम के प्रति एक छवि बना के चलते है,की ये काम छोटा है ये काम बड़ा है,ये इज्जतदार काम है,इसे करने से इज्जत कम हो जाएगी,लेकिन ऐसा कुछ नही है,कोई भी काम छोटा नही होता अगर दिल से किया जाए तो,किसी भी काम को करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है "जॉब सैटिस्फैक्शन" अगर आपको आपका काम करने में मजा आता है,आप अपने काम को एन्जॉय करते है,आप ये सोचते है कि आप इस काम को बेहतर ढंग से कर सकते है,और इसकी बेहतरी के लिए हमेशा प्रयास करते है,तो आप को वही काम करते रहना चाहिये,उसी में आप को एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी,बस धैर्य रखने की आवश्यकता है,

किसी काम के सफल होने की संभावना 200% हो जाती है जब हम उस काम को दिल से करते है,क्योकी जो काम हम दिल से करते है उसमें समझौता करना छोड़ देते है,और इससे सफलता सुनिश्चित हो जाती है,आप चाहे एक छोटा सा व्यवसाय कर रहे हों,कोई सर्विस का काम कर रहे हो,या जॉब कर रहे हो अपना योगदान शत प्रतिशत देने की कोशिश करे,बस अपने काम को बोझ नही समझे उसका आनंद ले,और फिर आप देखेंगे की आप का छोटा सा काम भी आपका बड़ा सा नाम बना देगा,

आपकी असफलता को जस्टिफाई करने केलिए आपके पास लाखों बहाने हो सकते है,की आप के पास पैसा नही था,सप्पोर्ट नही था,संसाधन नही थे,भाग्य नही था,मगर सफलता बहानो की मोहताज नही,अपने इन सब बहानो से ऊपर उठिए,अपने आप को इन सब बहानो से छुटकारा दिलाइये,अपने आप से झूठ बोलना छोड़िये,कुछ भी कीजिये दिल से कीजिये,छोटा या बड़ा समझ कर नही,लोगो की परवाह मत कीजिये,दिल से काम कीजिये,

आपने काम को अपना 100% दीजिये देखिए ये 100% कैसे आपको करोड़पति बनाता है,अपने काम से प्यार कीजिये इसलिए नही कि वो आपका रोजगार का साधन है बल्कि इसलिए कि वो आपकी पहचान भी है,इस छोटी सोच से बाहर आइये की कोई काम छोटा होता है,

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