लाइफ मंत्रा: किसी को पूर्ण रूप से गलत साबित करने से पहले उसका नजरिया जान लेना चाहिए,
कक्षा दूसरी में पढन वाले अतुल से कक्षा शिक्षिका ने गणित का एक सवाल पूछा "" अतुल, यदि में तुमको एक सेव, एवं एक सेव एवं एक सेव दूं , तो तुम्हारे पास कितने सेव हो जावेगें ?
अतुल "" मेडम जी... चार सेव ""
मेडम को लगा कि अतुल ने सवाल को ठीक से समझा नहीं है..उसने फिर से सवाल को दोहराया "" अतुल , घ्यान से सुनो..यदि में तुमको एक सेव दूं ..फिर एक सेव दूं...फिर एक सेव दूं ..तो तुम्हारे पास कितने सेव हो जायेगे.
छोटे अतुल ने अपनी उंगलियों पर केलकुलेट किया... उत्तर दिया "" चार सेव ""
मेडम झुझंला गई..उन्होने अपनी झुझलाहट को कंट्रोल किया एवं सोचा कि शायद छोटे अतुल को सेव पंसद नहीं है इसलिये वह सवाल पर घ्यान ही नहीं दे रहा है..उन्हे याद आया कि अतुल आम बहुत पंसद करता है... उन्होने फिर अपना सवाल दोहराया ...
बेटा अतुल..घ्यान से सुनो...यदि में तुमको एक आम फिर एक आम एवं फिर एक आम दूं तो ..तुम्हारे पास कितने आम हो जावेगें ?
छोटे अतुल ने कांउट किया "" मेडम जी तीन आम ""
मेडम का चेहरा..खुशी से दमक उठा...चेहरे पर मुस्काराहट आ गई..उन्हे अपने प्रयास पर गर्व महसूस हुआ...कि चलो छात्र की समझ में गणित आ या तो.
उन्होने फिर से अतुल से पूछा अच्छा अब बोलो ""यदि में तुमको एक सेव दूं ..फिर एक सेव दूं...फिर एक सेव दूं ..तो तुम्हारे पास कितने सेव हो जायेगे""
अतुल ने सहम कर उत्तर दिया "" मेडम जी चार ""
मेडम झल्ला गई....उन्होने ने झल्लाकर कहा "" कैसे अतुल..कैसे ""
मासूम अतुल सहम गया...उसने अपना हाथ सहमते हुये अपने स्कूल बेग में डाला..उसके हाथ में एक सेव था ..उसने मेडम को दिखाते हुये कहा सहम कर कहा "" एक सेव मेरे पास पहले से है ""
कहानी का सार यह है कि यदि कोई व्यक्ति आपके सवाल के जबाब में आपका अपेक्षित उत्तर नहीं देता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह गलत है..उसे पूर्ण् रूप से गलत घोषित करने से पूर्व उसका नजरिया जान लेना जरूरी है,हम अक्सर लोग से उनकी राय नही सहमति चाहते है,ये जीवन की खूबसूरती है कि किसी विषय पर आपसे विपरीत विचार धारा रख करभी दोनों सही हो सकते है,
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आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,