अपनी क्षमता पहचानिए: अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करे,
राहुल द्रविड़ भारत के सबसे भरोसे मंद बल्लेबाज के रूप में जाने जाते है उन्हें क्रिकेट में "द वाल" यानी दिवार कहां जाता है, उनके बारे में ये मशहूर था कि उनके क्रिकेट केरियर के बारे में उनकी खासियत वो गेंदे नहीं जो उन्हने खेली थी बल्कि वो गेंदे थी जो उन्होंने नहीं खेली,यानी की लेफ्ट कर दी,उनको टेस्ट क्रिकेट का सबसे महानतम बल्लेबाज में एक बनाने में उनकी गेंद लेफ्ट करने की तकनीक का सबसे ज्यादा योगदान था, मशहूर कॉमेंटेटर हर्षा भोगले ने उनके बारे में एक कमेंट दिया था कि ये सब वो इंस लिए आसानी से कर पाते है है क्तयोकी उनको पता है कि उनका ऑफ स्टाम्प कहा है,उनको अपनी क्षमता का अंदाजा है,पहचान है, अपनी सीमितता पता है, और वो अपनी सीमितता जानते हुए अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करते है,
यही बात हमारी जिंदगी के लिए भी महत्वपूर्ण है, हमें भी अपनी जिंदगी में अपनी क्षमताओं का अहसास हुआ चाहिए, साथ में ये भी पता होना चाहिए की हमारा ऑफ स्टाम्प कहा है, किसी की जिंदगी परफेक्ट नहीं है हर किसी में कुछ न कुछ कमी है हर किसी की जिनदगी कीच सिमित है, मगर इस सीमितता के भीतर रह कर अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करना ही सफलता है,
अक्सर हम अपने आप को बहुत कम या बहुत ज्ज्यादा
आकलन कर उस हिसाब से अपना कार्य करते है, जहा कम आंकलन से हम हीन भावना का शिकार होते है,वही ज्यादा आकलन कर हम उस पूरी तैयारी के आभाव में खुद को असफल कर लेते है,तो एक बार किसी भी काम को करने से पहले अपनी क्षमताओं का आकलन कीजिये, उस हिसाब से काम कीजिये, घोड़ा तेज दौड़ाने के लिए अपने पैरों में नाल लगवाता है इसका मतलब ये नहीं की मेढ़क भी लगवाए, हर किसी की शक्ति अलग है, खासियत अलग है, अपनी खासियत में साथ अपनी लिमिट भी ध्यान रखे,
और एक खास बात अपना प्रयास निरंतर रखे,कोई इतना आमिर नहीं की अपना इत्तिहास बदल ले, और कोई गरीब नहीं की अपना भविष्य न सुधार सके,अपनी कोशिश जारी रखिये, जो है उसका उपयोग कर जो नहीं है उसको पाने का प्रयास कीजिये,
बस ये याद रखिए कि आपका" ऑफ स्टाम्प कहा है,"
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आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,