Monday, 14 March 2016

Every action has equal reaction

विज्ञान का एक नियम है, की हर क्रिया की सामान विपरीत प्रतिक्रया होती है, मतलब किसी वस्तु पर हम जितनी ताकत लगाते है वो वस्तु भी हम पर उतनी ही ताकत लगाती है, अगर हम किसी टेबल पे हाथ अपना हाथ पीटते है, तो वो टेबल भी हमें पिटती है जिससे हमें दर्द होता है, कहने का मतलब ये है की ये विज्ञानं की साश्वत सत्य है की "every action has equal recaction"

यही बात हमारी जिंदगी पर भी पूरी तरह लागू होती है, जिंदगी में कोई हमें उतना ही पसंद या नापसन्द करता है जितना हम इसे करते है, कोई हमें उतना ही प्यार करता है जितना हम उसे करते है,कोई हमारी उतनी ही परवाह करते है जितना हम उसकी करते है,

अगर किसी देश किसी समाज किसी संस्था किसी परिवार में किसी को प्राथमिकता दी जाती है तो इअलिये की उस व्यक्ति ने भी अपने जीवन में  उस देश,परिवार, संस्था को प्राथमिकता दी होगी,
कंही भी महत्वपूर्ण बनने के लिए पहल कीजिए, प्रतिक्रिया क्रिया के बाद ही होती है,
जिंदगी एक eco सिस्टम है यह वही हमें वापस सुनाई देता है जो हम कहते है,
हमारा अच्छा और बुरा हमारे सांमने आ ही जाता है,

इसमें एक चीज और भी ध्यान देने लायक है  क्योकि हम निर्जीव नहीं है,जीते जागते इंसान है इसलिए  हर इंसान में साथ साथ ये प्रतिक्रया कम या ज्यादा होती रहती है,जिंदगी में ये क्रिया की प्रतिक्रिया अक्सर बहुत तीखी होती है, अगर हम थोड़ा का गलत काम करते है तो इस के लिए बहुत कुछ सुनना पड सकता है,अगर हम कुछ अच्छा करते हो तो बहुत ज्यादा तारीफ मिल सकती है, साथ ही जिंदगी में प्रतिक्रया आने में वक्त भी लगता है यहाँ प्रतिक्रिया तुरंत नहीं आती,

आप की क्रिया आप के हाथ में है,मगर उस पर क्या प्रतिक्रया होगी ये आप निर्धारण नहीं करते,
अच्छा काम करते रहे,

याद रखिये,आपका हर क्रिया को नोट किया जाता है,बस ये इन्तेजार करिये उस पर प्रतिक्रया क्या आती है,कब आती है, कैसे आती है,??

आप का सही किया हुआ आपके पास हमेशा लौट आता है और इसका बिपरीत भी उतना ही सही है,

इसी तरह के अन्य विषयो पर भी मेरे विचार पढ़ने के लिए लोग इन करे
Vikashkhemka.blogspot.com

No comments:

Post a Comment

आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,