देश के वर्तमान नेताओ को समर्पित मेरी नयी काविया
हां मैं भी एक नेता हु...
भारत के विश्व विजयी सपनो का मैं भी एक प्रणेता हु,
हर अभिनय में पारंगत हु मझा हुआ अभिनेता हु,
झूठ बोलना सीखा रहा हु
कल के भारत का नेता हु |
झूठे वादे करने की मैंने भी ट्रेनिंग ले ली है,
जात पात को लड़ा भिड़ा कर खून की होली खेली है,
बाहुबली की छबि सही पर सब का बहुत चहेता हु,
झूठ बोलना सिख रहा हु कल के भारत का नेता हु |
घड़ियाली आसु की पास मेरे भरमार है
सारे देश विरोधी मेरे प्रियतम यार है ,
काम मैं उसका पूरा करता जिससे रिश्वत लेता हु
झूठ बोलना सीखा रहा हु
कल के भारत का नेता हु,
गरीबो के हक़ का भी मैं खाना खाना सीख गया
मुर्गी बकरी खाते-खाते चारा खाना सिख गया,
मुझसे सब खुश रहते है मैं झुठी आशाये देता हु
झूठ बोलना सिख रहा हु कल के भारत का नेता हु,
अब तो मैंने स्विस बैंक में भी खाता खोल लिया,
देश ये आगे कैसे जाए,इसपे भी भाषण बोल लिया,
गिरगिट सा रंग बदलने का हुनर भी मुझमें खूब है
उधर मैं छतरी घुमा लेता हु जिधर की बारिश धुप है,
इतनी काबिलिहत है मुझमे तभी तो मैं ये कहता हु,
झुठ बोलना सिख रहा हु मैं कल के भारत का नेता हु ..
वो भी क्या कोई नेता थे जो देश पे जान निसार गए
भारत माँ की आन की खातिर जेल जो सौ-सौ बार गए,
आजादी पाने कि खातिर अपना घर-बार सब भूल गए,
कुछ तो इतने पागल थे की फांसी पर भी झूल गए,
मैं उनसा पागल थोड़े हु ,आराम से खाता पिता हु
झूठ बोलना सिख रहा हु कल के भारत का नेता हु,
झूठ बोलना सीखा रहा हु,कल के भारत का नेता हु,
आपकी अमूल्य राय की प्रतिक्षा में
विकाश खेमका
No comments:
Post a Comment
आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,