Tuesday, 26 September 2017

लाइफ मंत्रा : कुछ भी स्थायी नही होता,सफलता भी असफलता भी


जिंदगी की सबसे खूबसूरत बात है कि ये अनिश्चचित है,कल क्या होगा ये कोई नही जानता,और यही बात जिंदगी को आकर्षक बनाती है,आपकी पूर्व सफलता इस बात की गारंटी कभी नही देती की आप फिर से सफल हो जायेगे, असल मे किसी भी काम के लिये सफलता का दायित्व इस बात पर निर्भर है कि आपने किसी काम के लिए कितनां समर्पण दिया, उस काम के प्रति आपकी निष्ठा कितनी थी,कितनी लगन से आपने काम किया,अपनी मनचाही सफलता हासिल करने में भाग्य का कुछ प्रतिशत अवश्य होता है लेकिन सिर्फ भाग्य ही ये निर्धारित नही करता कि आप सफल हो जायेगे,आपकी सफलता आपके द्वारा की गई तैयारियों पर निर्भर करती है,भाग्यवादी नजरिया होने के बाद भी आपको जरूरी मेहनत करनी ही पड़ती है,अगर आप सोचते है कि रातोतात आपकी कोई लाटरी निकलेगी और आप अरबपति हो जाएंगे तो भी इसके लिए आपको एक मेहनत का कार्य करना पड़ेगा ही,इनाम जितने केलिए कम से कम आपको लाटरी तो खरीदनी पड़ेगी, और इक बार आपकी लाटरी निकल गई तो ये इस बात की गारंटी नही की आपकी दूसरी बार भी लाटरी निकलेगी ही,

इसकी विपरीत बाते भी इतनी ही सही है,जैसे एक बार की सफलता हर बार की सफलता की गौरंटी नही वैसे ही थोड़ी सी असफलता का मतलब ये नही की आप एक असफल इंसान है और कभी सफल नही हो सकते,असफलता केवल यही सिध्द करती है कि सफलता के लिए जो कुछ जरूरी थ उसमे कुछ कमी रह गयी,उसमे सुधार करने की जरूरत है,सही सफलता पाना बहुत कुछ एक स्वादिस्ट सब्जी बनाने के जैसा है,जैसे एक अच्छी सब्जी बनाने के लिए ये आवश्यक है कि सभी मसाले सही अनुपात में हो,अगर एक बार आपकी सब्जी अच्छी नही भी बनी तो अगले बार सब्जी बनाते समय ये धयान दे कि सब्जी में क्या गलत था,उसे सुधारे,मगर हम अक्सर उसमे सुधार करने की जगह मीनू ही बदल देते है,

व्यवहारिक दुनिया आपके प्रयासो को नही बल्कि आपके नतीजो को तरजीह देती है,लेकिन इसका मतलब ये कभी भी नही की आपके द्वारा किये गए प्रयास बेमानी है,जिंदगी के किसी भी क्षेत्र में कई गयी आपकी कोशिशें आप को सिखाती है,और  जब तक आप सीखने की इच्छा रखते है आप मे सुधार की गुंजाइश है,एक बार की असफलता से अपने आप को निराश न करे,

इस बात से बहुत ज्यादा फर्क नही पड़ता कि लोग आपके बारे में क्या सोचते है,है लेकिन इस बात से बहुत फर्क पड़ता है आप अपने बारे में क्या सोचते है??,आप एक बार सफल नही हो पाये तो कोई बात नही इसमे कोई बुराई नही,लेकिन अगर आप दूसरी बार कोशिश भी नहीं करते तो ये गलत है,लोगों का ध्यान शिकायतों पर केंदित रहता है सुधार और समाधानो पर नही,

कई बार हम अपनी उम्र  लेकर ये सोचते है कि शायद कोई नया का करने के लिए ये सही उम्र नही मगर याद रखिये उम्र सिर्फ एक संख्या है ,और कुछ नही,एक सही काम करने के लिए कोई उमर या कोई समय बुरा नही,इस दुनिया मे स्थाई कुछ भी नही,जिंदगी की खूबसूरती इसकी अनिश्चचितता है इसका मजा लीजिये,उन  बातों पर ध्यान दीजिए जो आपके हाथ मे है,उन बातो में सुधार कीजिये,

हम सभी  बड़े ही धार्मिक प्रवृत्ति के लोग है,आपमे धर्मग्रथ को पूजते है, कभी उनका अर्थ भी समझ ने की कोशिश किजिये,विश्व के सबसे बड़े और पुरातन ग्रन्थों में  एक श्री भागवत गीता जिसे निसंदेह आज तक का सर्वश्रेठ सक्सेस लिटरेचर कहा जा सकता है उसे एक बार फिर पढ़िए इस बार सिर्फ धार्मिक नजर से नही बल्कि प्रेरणादायक साहित्य की नजर से,

खास कर इस पंक्ति को " कर्मने वाधिकारस्ते मा फल सुकदाचना,"आर्थात कर्म करो फल की इच्छा करो,आपके  प्रयासआपका फल खुद निर्धारित कर देंगे,कोशिश जारी रखिये,स्थायी कुछ भी नही,दुनिया मे एक ही बात है जो स्थायी हैवो हैं परिवर्तन,कोशिश कोजिये की आप हमेंशा सकारात्मक परिवर्तन कि तरफ हो,एक बीज पेड़ भी बनता है और सड़ कर मिट्टी भी,ये आप पर निर्भर है कि आपको क्या बनना है,

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