Thursday, 9 March 2017

कल की ही तो बात है..

अपनी लाडली बेटी को बिदा करते चौखट में खड़े एक बाप की सोच से पढियेगा...

कल की सी बात है,
तुझे तेरी माँ के गर्भ में निहारा करता,
उसके पेट को छूकर तुझे दुलारा करता
कभी कान लगाकर तुझे सुनने की कोशिश करता
कभी तेरी नन्ही टांगों से लात खा कर खुद को आनंदित करता

कल की हो तो बात है,
पहली बार जब तेरी माँ प्रसव में रोई थी
क्या बताऊँ तकलीफ कितनी मुझे भी हुई थी,
तेरी आने की खुसी में कितनी आँखे भिगोई थी,
ये वो पहली ख़ुशी थी जिसमे आँखे दिल खोल कर रोइ थी,

कल की सी बात है,
तुझे देखकर मेरी हर दुख सुख में बदल जाता थे,
तुझे गोदी में खिलाकर जैसे सारा जहा मिल जाता था,
मेरी बाकी उंगलियां भि उस उंगली से जलती थी,
जिस ऊँगली को पकड़ कर मेरी नन्ही परी चलती थी

कल की हो तो बात है,
तेरी तुतली बातो पे कितना प्यार आता था मुझे,
तेरा लव यू पापा कहा के लिपट जाने पे दुलार आता था मुझे,
सारी थकावट एक पल में टूट जाती थी,
जब तू मेरे कलेजे से आ कर लिपट जाती थी,

कल की सी बात है
मुझे आज भी याद है तेरा पहले दिन का वो स्कुल जाना
बार बार टीचर से हाथ छुड़ा में मेरे पास आ जाना
उसी दिन ही पहली बार मेरी आँख भर आयी थी,
उस दिन पहली बार अहसास हुआ की तू पराई थी,

कल सी की तो बात है,
खिलौने,स्कुल और कॉलेज से होते हुए
दिन न जाने कैसे इतनी जल्दी बीत गए सोते हुए,
बेटी को बड़ा होता देखकर माथे की सिलवटे बढ़ने लगी,
अब अब तेरे लिए नए माली की तलाश की चिंताएं बढ़ने लगी

और आज जिस का इंतजार था वो रात भी आ गयी,
मुझसे मेरे जीन्दगी छीनने तेरी बरात नही आ गई,
यही तेरी मानजिल है यही तेरा ठिकाना है,
मैं बाबुल हु मुझे छोड़ कर तो दिन जाना है,
बस घर से जा रही है दिल से मत चले जाना,
कभी फुर्सत मिले तो हाल पूछने को लौट आना,
बस अब हमेशा तेरी खुशियो की दुआ करूंगा,
तू खुश रहेगी तो बस मैं भी खुश रहा करूंगा
तेरी खुशियी की खातिर तुझे मैं खुद से जुदा करूंगा
अपने कलेजे के टुकड़े को आज अपने हाथों से बिदा कारुंगा

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