Monday, 6 March 2017

फोर्टी प्लस

फोर्टी प्लस

थोड़े से झुके हुए कंधे,आंखो में रीडिंग गिलास,
और दाढ़ी से झांकते कुछ सफ़ेद बाल लिए हुए,

जिम्मरदारयो का बोझ उठाये फिरता रहता है ,
और फिर भी होठो में मुस्कराहट लिए,

बढी हुई तोंद को व्यवस्थित करता  हुआ
अपनी सांसो को लंबी सांसे लेकर काबू करते हुए,

मुहब्बत के पलो की बस याद बाकी है,
आजकल उसकी यादो में आँहे भरते हु

दोस्तों से मिलने का बहाना  खोजता हुआ
दिल में उनसे मिलने की आस लिए हुए,

अपने पुराने क्रश को देखकर मुस्करा भी नहीं सकता
बस उसके बच्चों को देखकर खुश होते हुए,

न जाने कहा गई वो रूमानी जिंदगी ,वो प्यार की चिट्ठियां
बस अपनी पत्नी से जरूरी सामानों की लिस्ट लेते हुए,

बारिश का आना उसे सुहाना नहीं लगता है आजकल
घर से निकलता है रेनकोट के साथ जिम्मेदारियों का बोझ ओढ़े हुए

अपने बच्चों की खुशियो की खातिर बस भागता फिर रहा
अब अपने माँ बाप के लिए दिल में सही संम्मान लिए,

कुछ दवाई की पर्ची,कुछ कस्टमर का हिसाब,कुछ लिस्ट
जेब उसकी तरस गयी है आज मूवी के एक टिकट के लिए,

कुछ थका है, कुछ उदास है, कुछ परेशान सा है लेकिन
फिर भी खुश है " फोर्टी प्लस" अपनों के लिए कुछ खुशियां लिए

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