Thursday, 28 November 2019

लाइफ़ मंत्रा: कोई भी काम छोटा नही होता,बस एक बड़े काम की शुरुवात होती है

लाइफ मंत्रा: कोई काम छोटा नही होता ये सिर्फ एक बड़े काम की शुरुवात होती है

आज के भौतिक युग मे हम इतनी स्ट्रेस के साथ जी रहे है कि कुछ समय के लिए हम सभी मे डिप्रेसन आ जाता है,खासकर अपने व्यापार/नौकरी या प्रोफेसन के प्रति मन में एक नकारात्मक भाव उत्त्पन्न होता है कि जो हम कर रहे है,वो बहुत छोटा है,हम उसके लायक नही है,हम इससे कुछ बहुत ज्यादा अच्छा और बड़ा डिज़र्व करते थे,लेकिन पेट की भूख ने हमे एक छोटे काम करने के लिए मजबूर किया और हम ये काम कर रहे है,

जबकि सच बिल्कुल इसके उलट है, हम सबके साथ एक समस्या है कि हम अपने आप को मोटीवेट करने के लिए अक्सर किताबे पढ़ते है,इंटरनेट में सक्सेस लिटरेचर सर्च करते है,बड़े बड़े मोटिवेशनल सेमिनार अटेंड करते है, लेकिन इस मोटिटिवेसन के उन लाइव सोर्सेस को भूल जाते है जो हमारे आस पास ही है,जिन्हें हम रोज देखते है,मिलते है,उनके बारे में बाते करते है, लेकिन उनसे सींखते नही, ऐसे ही अपना काम को छोटा न समझ कर उसमें बड़ा नाम बनाने वाले दो लाइव उदारहण आपके सामने रख रहा हूं,इस बात को समझने के लिए आपको कंही दूर जाने की आवश्यक्ता नही है, मैं काटाबाजी में ही आपको ऐसे उदाहरण पेश कर रहा हु जिन्होंने की इस तथाकथित छोटे काम मे अपना बड़ा नाम,अपना बढ़िया कैरियर,और एक अच्छी इज्जत कमाई है,

पहला उदाहरण मेरे मित्र आनंद पंजवानी का है,एक छोटी सी पान दुकान से लेकर "गोवर्धन पान" के ब्रांड तक के उसके सफर को मैंने  बहुत करीब से एक एक स्टेप चढ़ते देखा है,आम मानसिकता है कि पान दुकान एक छोटा सा व्यवसाय है लेकिन जब आप एक काम को अपने दिल से करते हो,उसमे खुशी महसूस करते हो,तो आप को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता, ऐसा ही एक और उदाहरण एस कुमार हेयर सलून है,अधिकतर लोगों की मानसिकता ये है कि सलून एक बहुत ही छोटा काम है,लेकिन इस मिथक को भी इनकी मेहनत और लगन ने तोड़ा है,आज एस कुमार सलून भी एक ब्रांड है और लोग दूर दूर से इसके लिए एडवांस में बुकिंग करते है,एक छोटी से सलून को एक बड़ा हेयर स्टाइलिस्ट ब्राड बनते हुए देखना वाकई सुखद अनुभव है,

इनकी सफलता की वजह है कि इन्होंने अपने काम को कभी छोटा नही समझा,अपने काम को एन्जॉय किया,अपने काम करने में कोई झिझक नही दिखाई, उस पर नए नय प्रयोग किये,हमेशा अपने आप को बेहतर बनाने की कोशिश की, हर सफलता को एक समय लगता है, इनकी सफलता को भी लगा लेकिन इन्होंने धैर्य बनाये रखा और तब तक बनाये रखा जब तक कि उनका काम एक ब्रांड नही बन गया,आज अपने इस तथाकथित छोटे काम की बदौलत इनके पास एक अच्छी आय का साधन,सोशल स्टेटस,और वो सब कुछ है जो कि एक आदमी अपने प्रोफेशन/व्यापार/नौकरी से चाहता है,

अधिकतर असफल लोगों को उनके काम को लेकर शिकायत होती है कि उन्हें एक छोटा काम मिला है और वे इसे एक हीनभावना से ग्रस्त होकर बुझे हुए दिल से सिर्फ रोजीरोटी कमाने के लिए करते है,वो मजबूरी में काम करते है,और मजबूरी में किये गए काम आप पर बोझ बनते है,जो अपने काम से प्यार नही करते उनका काम भी उनसे प्यार नही करता,आज जो लोग इनकी सफलता को सिर्फ इनकी किस्मत कहते है तो उनको अपना सही आकलन करने की आवश्यकता है,जब तक आप अपना काम शर्म और झिझक के बंधन में बंध के करेंगे तो आप उसमे कभी आगे नही बढेंगे,उत्साह से किया गया काम अच्छा रिजल्ट लाता है और इसका उल्टा भी इतना ही सही है,

आज भी लोग पोस्ट ग्रेजुएट कर के 10000 रूपये महीने की नौकरी कर रहे है क्योंकि ये उन्हें व्हाइट कालर जॉब या सोसिअल स्टेटस वाला काम लगता है,जबकि एक छोटा सा नास्ता ठेले वाला आराम से रोज 1000 रुपये कमा कर सोता है,मोदी जी जब कहते है कि पकोड़े तलना भी एक व्यवसाय है तो लोग इस बात का मजाक उड़ाते है कि क्या एक पढ़ा लिखा आदमी पकोड़ा कैसे तल सकता है?? हर काम को छोटा या बड़ा सोसल स्टेटस देने की ये मानसिकता असफल लोगो के अपनी असफलता झुपाने के बहाने है,सच तो ये है कि जो काम दिल से किया जाए कभी छोटा नही होता,

कोई आदमी सीधे बड़ा होंकर पैदा नही होता,आदमी पहले शिशु के रूप में पैदा होता है फिर धीरे धीरे बाद होता है,हजारो किलोमीटर की यात्रा भी एक छोटे से कदम से ही प्रारंभ होती है,और कंही भी पहुचने के लिए पहले घर से निकलना पड़ता है, एक कदम बढ़ाना पड़ता है, स्टार्ट अप लेना पड़ता है,आप जो भी काम करे दिल से करे,चाहे आप नौकरी करते हो, कोई प्रोफेसनल हो,या छोटे सी दुकान के मालिक,अपने काम को समर्पित ढंग से करे,छोटी चीजे ही आगे चल कर बड़ी होती है,बस अपने काम मे लगे रहिए,

कोई काम छोटा नही होता ये बस एक बड़े काम की शुरुवात होता है,

घने कोहरे ने एक बात बहुत अच्छी सिखाई है
चलते रहो, रास्ता खुद ब खुद दिखता जाएगा

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