फिर वही मैं,फिर वही दुनिया,फिर वही खालीपन...
हां,थोड़ी सी तन्हाई है, मगर इसका भी अपना मजा है,
तुझको तलाशती आँखे,तुमको पाने की ख्वाहिशे,
हां,कुछ नहीं मिला,मगर इस मुफलिसी का भी अपना मजा है,
तेरे साथ किये कुछ वादे, तेरे साथ की जो कुछ बातें,
हां,वो पल अच्छा था, लेकिन उनको भुलाने का भी अपना मजा है,
वो तुझसे मिलने की तमन्ना,तेरे पास आने की चाहत,
हां,पूरी ना भी हुई,पर यु दूर जाने का भी अपना ही मजा है,
जो पूरे हो जाए वो ख्वाब कैसे,जो पूरी हो वो कैसी तमन्ना,
हाँ,सपने टूट गए, पर यु टूटे सपनो को सजाने का भी अपना ही मजा है,
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