Friday, 2 December 2016

Non Democratik Teli Vision

थोथी निरपेक्षता,छद्म बुध्दिजीवी और कट्टर सेकुलरो का समूह :  Non Democratic Teli Vision ,  

आज देश के लिए सबसे ज्यादा चिंतित एलेक्ट्रोनिक मीडिया टीवी चैनल पर (नाम मत पूछना  ) पर एक छद्म बुद्धिजीवियों की बहस सुन रहा था, जहा देश में थोपी गयी राष्ट्रवाद के सिद्धांतों पर चर्चा हो रही थी,अगर उस चैनल का कहा सच मान लिया जाये  तो ऐसा लग रहा था कि भारत सही में असहिष्णु हो गया है, देश में राष्ट्रवादिता के नाम पर तानाशाही रैवैया थोपा गया है,

ये सब् उस टीवी चैनल पर चल रहा था जिस पर राष्ट्रविरोधी खबरें दिखाने के लिए एक दिन का बैन लगा था,वो चैनल जिसे " भारत तेरे टुकड़े होंगे" जैसे नारे सिर्फ अभिव्यक्ति की आजादी लगते है,वो टीवी चैनल जिस में की आम जनता  सिर्फ पिछले ढाई साल से ही परेशान है, ये वही चैनल है जिसके समर्थक बड़ी बिंदी वाली गैग की महिलाएं है,इस चैनल में सिनेमा में राष्ट्रगान की बाध्यता पर सवाल खडे किये जाते है,इस चैनल को हर राष्ट्रवादी फैसले में साम्प्रदायिकता नजर आती है, जिस फैसले से सिर्फ कुछ शांतिवादी समुदाय(??) का भला न् हो वो इन्हें धर्मनिरपेक्षता पर प्रहार लगता है, जहा सिर्फ धर्मनिरपेक्ष वही है जो इस देश में बहुसख्यको को गाली दे सके,

अपनी इसी तरह की देश के प्रति समर्पित(????) गतिविधियों की वजह से आज कल इस चैनल की trp बहुत जोरो पर है, ये बात एक बार फिर से प्रमाणित हुई है कि विरोध ही चर्चा में बने रहने का जरिया है, पहले पक्ष और विपक्ष सिर्फ सत्ता में होते थे,अब मीडिया में भी होते है, आप एक ही खबर दो अलग अलग टीवी चैनलों पर देखिये आपको भ्रम होने लगेगा कि शायद आप ने कुछ देर पहले जो देखा था वो कोई दुसरी ही दुनिया की ख़बर थी,

किसी भी मुद्दे पर किस् तरह से नकारात्मक  परिचर्चा का आयोजन किया जाए ये उस "कथित सेकुलर" चैनल की विशेषता है, मुझे आज उस चैनल पर राष्ट्रवादीता पर बहस सुनकर उस मक्खी का ध्यान आया जो हमेशा साफ़ सुथरे फर्श को छोड़ कर गन्दगी तलाश कर उस पर जा कर बैठती है,उस चैनल पर लोग लाइन में मर रहे है,अर्थव्यवस्था मर रही है, फैसले बर्बाद हो रही है,देश में दंगे बस भड़कने ही वाले है, देश में तानाशाही चल रही है, धर्मनिरपेक्षता ख़त्म हो गई है, साम्प्रदायिकता हावी है, देश अशहिष्णु है, और प्रधानमंत्री सूटबुट वाला है, फेकू है, खाकी निकर वालो के निर्देश पर चलता है, देश भगवा आतंकवाद की गिरफ्त में है, कुल मिला कर लोकतंत्र खतरे में है,

देश को जातपात के दलदल में धकेलने वाले इस चैनल के पसंदीदा मेहमान है, देश की वामपंथ और मार्क्सवादी विचार धारा जिसने कभी देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कोलकाता को आज  उद्योगिक घरानों के लिए अपने छदम मजदुरबाद से  अछूत बना दिया है, उन वामपंथियों की सोच से प्रभावित ये चैनल आज बता रहा है कि आज राष्ट्र को राष्ट्रवाद से ख़तरा है, देश में आरक्षण और जातपात का झूठा विरोध इनका पसंदीदा शगल है, ये अपने वातानुकूलित  स्टूडियो में बैठकर आरक्षण और जातिवाद का विरोध करते है मगर कभी उन रक्तबीज राजनितिक अवसरवादीयो का विरोध नहीं करते जहा से ये बीमारी बार बार पनपती है,

इसी चैनल में बताया गया था कि  नक्सलबाद  और आतंकवाद का मुंख्य कारण सरकार की राष्ट्रविरोधी नीतियां है, आज आज पिछले 20 दिनों से जब 1000 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर देते है,तो इस चैनल पर कोई खबर नहीं बनती, ये चैनल धृतराष्ट की  तरह निरपेक्ष है, जो बताता है कि दिल्ली में एक  राजनितिक दल की  विजय  का कारण जनता का आक्रोश है,वंही देश में एक राजनयिक दल की विजय का कारण जनता  को बरगलाया जाना है,

इस चैनल में शहीदों की चर्चा नहीं की जाती हां सैनिकों के बहादुरी के साबुत अवश्य मांगे जाते है, घाटी में पत्थर खाते जवानो से ज्यादा इन्हें पथराव कर कर "भटके हुए नौजवानों"  पर पेलेट गन का उपयोग परेशान करता है,  फिर भी इस्  देश हित(??) और राष्ट्रभक्ति(??) से परिपूर्ण  इस चैनल के द्वारा विधवा विलाप ही ख़त्म नहीं हो रहा है कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की आवाज को दबाया जा रहा है,

इन छद्म देशभक्तों को भी "डॉनल्ड ट्रम्प" जैसा दो टूक बोलने वाला नेता चाहिए जो इनको ईनको इनकी औकात का एहसास कराये, की मीडिया की आजादी है कि वो खबर दिखाये खबर बनाये नहीं,

नॉट- ये सारी बाते एक भक्त द्वारा लिखी गई है,आप आराम से देखते रहिये, Non Democratic Teli Vision, Bharat

2 comments:

  1. 👉🏻राम मंदिर
    👉🏻लव जिहाद
    👉🏻घर वापसी
    👉🏻गौ मांस
    👉🏻गौ रक्षा
    👉🏻सहिष्णुता
    👉🏻असहिष्णुता
    👉🏻शाहरुख़ खान
    👉🏻आमिर खान
    👉🏻सलमान खान
    👉🏻कन्हैया
    👉🏻भारत माता की जय
    👉🏻वन्दे मातरम्
    👉🏻कश्मीर
    👉🏻सर्जिकल स्ट्राइक
    👉🏻तलाक व परसनल ला कानुन
    👉🏻 ५०० व १००० की करंसी बंद

    👉🏻इन सभी ऐतिहासिक कारनामों ने पूरे तीन साल मीडिया को व्यस्त रख कर आम आदमी के बुनियादी सवालों को गायब कर दिया गया !
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    अब ज़रा गौर करो

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में*कभी आपने टीवी पर सरकारी शिक्षा के गिरते स्तर पर बहस देखीं हैं?

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में*कभी आपने ग्रामीण भारत में आज भी हो रहे बाल विवाह की समस्या पर "एक्सपर्ट्स की कोई टीम टीवी पर देखी है?

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में*कभी आपको सड़को पर भीख मांगते और भूख से बिलखते बच्चों के पीछे लगा कोई मीडिया कैमरा देखा है?

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में*कभी आपने नालों फुटपाथों पर जिंदगी को कूडे के ढेर की तरह ढोते हुए लोगों के लिए किसी को चिल्लाते हुए देखा है?

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में*कभी आपने आत्महत्या करते किसानों के बारे में किसी को सहानुभूति जताते हुए देखा है?

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में* कभी आपने बेरोजगारी की मार झेल रहे नौजवानों के हक में किसी को बात करते हुए देखा है?

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में* कभी आपने कुपोषण से शिकार महिलाओं एवं बच्चों के लिए क्या किया जाए जिससे ये कमी दूर हो सके इस पर बात होते हुए सुना है ?

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में* हायर एजुकेशन वाले बच्चों के स्कॉलरशिप के बारे में कोई बहस होते हुए सुना है ?जिससे गरीब बच्चों को सहायता मिल सके?

    👉🏻 *क्या इन तीन सालों में* कभी आपने मीडिया में जेलों में बंद बेगुनाह नौजवानों की रिहाई के बारे में बहस करते हुए देखा है?

    👉🏻मीडिया को व्यर्थ के मुद्दों पर व्यस्त रख कर बहुत बड़े बड़े "कारनामे" किये जा रहे है और हमें इसकी भनक तक नहीं !

    👉🏻 *सर्जिकल स्ट्राइक"*से जी भर गया हो तो अब नया शगूफा
    *"समान नागरिक संहिता"*
    तैयार है

    👉🏻 *कुछ सप्ताह तीन तलाक* पर बहस करके अपने राष्ट्रवाद पर इतरा सकते हो तो ठीक है, अगर इस मुद्दे को ज्यादा ना चला सको तो फासीवाद की फेक्ट्री में अगला "एपिसोड" बनकर तैयार होगा।

    👉🏻 *आखिर हम कब तक*इन मुद्दों पर चर्चा करते रहेंगे. जिस का देश और आम जनता को कोई फायदा नहीं।
    👉🏻 *आखिर हम कब तक*अपनी नाकामी और काले कारनामों को छुपाने व देश का बंटवारा करने की साजिश रचने वालों का शिकार होते रहेंगे।
    👉🏻 *आखिर हम कब तक*सिर्फ एक जुमला सुन कर खुश होते रहेंगे।

    *अच्छे दीन आने वाले है*
    *भाड़ में जाये ऐसी सरकार*

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    1. देश की सबसे बड़ी समस्या भरस्टाचार है, और सबसे खुसी की बात है कि इस पर पिछले 2 साल से कुछ नहीं सुना,

      कोई भी परिवार, देश या समजः परफेक्ट नहीं होता बनाना पड़ता है,

      समस्या का नही समाधान का हिस्सा वनिये,
      जिस पर देश भरोसा कर रहा है उस पर भरोसा रखिये,

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आपके अमूल्य राय के लिए धन्यवाद,