कल ठण्ड बहुत थी मन पर काबू नहीं हो रहा था ऐसी ठण्ड में मन में विचार आया की ऐसी ठण्ड में अगर "ठुकाई "का इंतेजाम हो जाये तो मजा आ जाये बस फिर क्या था इसके बाद तो मन पे काबू रखना मुश्किल था।
फ़ोन निकाला अपने प्रिय दोस्तों को फ़ोन किया और "जुगाड़" में महारथ हासिल उन प्रिय मित्रो की मदद से सारी व्ययसथा कर ली ।3000 रिपये में बात फाइनल हुई।आने वाले मजे के जोश को दुगना करने के लिए में एक बोतल ब्लैंडर प्राइड भी 800 की ले ली साथ में कुछ चकना जरुरी था तो 100-150 चखना की भेट चढ़ गया
मगर जो आनंद प्रात होने वाला था वो इसके आगे नगण्य था
अपने आप को आंदोलित सा महसूस कार्य हुआ मै अपने प्रिय मित्रो के साथ अपने जुगाड़ के शिकार की और ।
ठण्ड ज्यादा थी इसलिए बाइक की जगह कार ले ली ।
और कार तेजी से अपनी मंजिल की और बढ़ने लगी ।
अचानक मेरे मब में उठी इस आनंद की गति को जसै ब्रेक लग गया
गाड़ी जब फूटपाथ से गुजरी तो मैंने देखा की कुछ लोग इस कड़कडटी ठण्ड में गठरी से बने हुए नगे बदन फुटपाथ प सोये है
मैंने कोट पहन रखा था गाड़ी में शीशे चढ़ाये हुए थे और फिर भी ठण्ड से बुरा हाल था और वो सब नंगे बदन कठोर फूटपाथ पर पड़े थे ये देखकर मेरे सरीर ने एक झुरझुरि ली ।
मैं गाड़ी से उतरा ।उनके पास पहुचा और अपनी जेब में हाथ डाला हिसाब किये कुल 3000 रूपये थे हिसाब किताब किया तो लगा की इतने रूपये से इन सब के लिये कम्बल का इंतेजाम किया जा सकता था । मेरे कदम कम्बल की दूकान की और बढ़ चले रस्ते में मेरे मन और दोस्तों ने कई आवाजे दी की रुक जा तू क्या कर रहा है तू आज रात का जुगाड़ ख़राब कर रहा है पागल हो गया है क्या
मगर उस समय शायद मैं बहरा हो गया था
मैंने कमबल ख़रीदे और उन गरीब नंगे बदन वालो कोढक दिया
मेरे दोस्त मुझे वही छोड़ कर चले गए अपने जुगाड़ के पास अपनी गर्मी का इंतेजाम करने।
मै पैदल ही घर की तरफ वापस लौट पड़ा।आज जो सुकून मुझे 3000 रूपये में उन नंगे बदन को ढकने का आया था वो संतुस्ती कभी किसी को 3000 रूपये दे के नंगा करने में नहीं आया था
आज मुझे वो सब रात याद आ रही थी जब मैंने 2000-5000 खर्च करके अपने तन की ठण्ड मिटाई थी
दो आंसू मेरी आँखों से ढल निकले
मेरे मन को गर्मी मिल गई थी
आज मैंने मेरे जुगाड़ को छोड़ कर बहुत लोगो के लिए गर्मी का इंतेजाम कर दिया था
नोट-ये कथा पूरी तरह से काल्पनिक है और इसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है।ये सिर्फ किताबी बाते है और आज के समाज में संभव नहीं है
मेरी और भी विषयो पर मेरे विचार पढ़ने के लिए लोग इन करे http://vikashkhemka.blogspot.com
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