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कल मेरे एक मित्र Deepak Agrawal ने मुझे ये लिंक पोस्ट किया, इस लिंक में अगर आप अपनी वार्षिक आय डालते है तो ये बताता है कि आप आर्थिक आधार पर दुनिया में कहा ठहरते है, और आप कितने आमिर है, ये लिंक विश्व प्रसिद्द सामाजिक संस्था care द्वारा जारी किया गया है, इसका आधार पुरे विश्व से लिए हुए आयकर के आंकड़े और विभिन्न देशों द्वारा जारी किये गए उनका आर्थिक अनुमान है जिसके आधार पर आप अपनी सालाना आय के हिसाब से दुनिया में कितने आमिर है ये बताया जाता है, पूरी तौर पर अधिकारीक न होने पर भी ये बहुत विश्वशनीय लगता है, और साथ ही इसमें आपकी आय को लेकर कुछ आश्चर्यजनक और मन को छूने वाले कुछ आंकड़े भी पेश किये गए है,
इतने इंटरस्टिंग लिंक को देखकर मैंने भी वो लिंक खोला और उसमें अपनी अनुमानित वार्षिक आय डाली, तो मेरा जो आंकड़ा आया वो ये था कि मेरी आय विश्व के 91 % लोगो से अधिक है, मैं विश्व का लगभग 9 कारोडवां धनि व्यक्ति हु, साथ ही जो आंकड़े उसमे जो तथ्य पेश किये गए थे की जितना समय में मैं एक कोक पिने लायक पैसा कमाता हु उतना पैसा कमाने के लिए एक जिम्बाम्बवे के औसत नागरिक को 2 महीने लगते है, मेरे एक दिन की कमाई के लायक कमाने में घाना के एक व्यक्ति को लगभग 3 महीना लग जाता है, मेरी एक महीने की कमाई से सोमालिया जैसे देश में 8 डॉक्टरों की मासिक तनख्वाह दी जा सकती है, और इसके बाद इस विरोधाभास को मिटाने के लिए और इन गरीब देशों के गरीब जनता की मदद के लिए कुछ दान देने की अपील की गयी थी,
इन आंकड़ो से मुझे दो बातों का अहसास हुआ, पहला ये की ये बहुत मायने रखता है कि आप अपनी बात किस तरह से कहते है,आपकी बाते कहने का तरीका ये तय करता है कि आप सामने वाले को कैसा समझा सकते है, यदि आप की बात किसी के दिल तक असर करती है तो वो आपसे जरूर प्रभावित होगा,बस आपका तरिका दिल को छूने वाला होना चाहिए,इससे पहले भी कई संस्था दान के लिए अपील करती आयी है, लेकिन ये एक अलग तरिका है लोगो से अपील का ये तरिका दिल को छूता है, इस से एक बात स्पष्ट है कि आपका उद्देश्य नेक होने के साथ साथ आपका तारिका भी बहुत मायने रखता है,
दुसरा बात जो इस लिंक से मुझे सिखने को मिली की हमको जो जिंदगी मिली है वो इतनी भी ख़राब नहीं है,हम बेवजह ही उसमे नुक्स निकालने मे तुले हुए है,मैं भारत का एक आम निम्नमध्यमवर्गीय नागरिक होने के बाद भी विश्व के 91 % लोगो से ज्यादा कमाता हूँ मगर फिर भी मुझे अपने आप से अपने रहनसहन,अपने स्टेटस से तकलीफ है, मैं संतुष्ट नहीं हूं, और खुद को हिन् महसूस करता हूं,मैं जिस जिंदगी में नुक्स निकाल रहा हूँ वो जिंदगी जीने के लिए कई आदमि जिंदगी भर भगवान् से प्रार्थना करते हुए मर जाते है,मैं जिस आर्थिक परिस्थिति में रहने के लिए अपने आप को हिन् समझता हूँ वो दुनिया के 90% लोगो को हासिल नहीं है,ये बात बहुत गंभीर है,हम उस चीज को एन्जॉय नहीं करते जो हमारे पास है, हम उस चीज को मिस करते है जो हमारे पास नहीं है, और यही सभी दुखो का मूल कारण है, बहुत पहले कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी में एक बात कही थी की "गरीबी सिर्फ एक मानसिक अवस्था है और कुछ नहीं" और इसका बहुत विरोध हुआ था ये बात भले ही राजनितिक पहलु से गलत हो मगर दार्शनिकता की दृष्टि से बिलकुल सही है, हम अपनी आय से नहीं अपनी जरूरतों से आमिर या गरीब होते है,हमारी खुद की बनाई हुई जरुरते हमें आमिर या गरीब बनाती है, आप में से कौन ऐसा होगा जो 1 करोड़ के बदले अपना एक हाथ काट देना चाहेगा, कौन ऐसा होगा जो कुछ लाख रूपये के लिए अपने परिवार को मार देगा, अपने घर ,परिवार,समाज के मूल्य को हम।नहीं समझते,हम सिर्फ आर्थिक आंकड़ो में अपने आपको इस तरह उलझाये रखते है कि बाकी आंकड़ो की तरफ अपना ध्यान ही नहीं जाता, हम उतने गरीब नहीं है जितना अपने आप को सोचते है, हम उससे कंही ज्यादा आमिर है,ये बात ध्यान देने की है कि हमारी सोच ही हमारी अमीरी और गरीबी का पैमाना है, हां आगे बढ़ने की सोच जरुर रखनी चाहिए,लेकिन मानवीय मूल्यों,अपने स्वास्थ्य,अपने परिवार, अपने मित्र और अपने समाज की कीमत पर ये तरक्की मुझे थोड़ी महँगी लगती है,
अपने हस्ते और खेलते बच्चे के साथ बिताया हुआ 2 मिनट किसी भी एंटरटेनमेंट पार्क में खर्च किये गए हजारो रूपये से ज्यादा कीमती है, आपकी पत्नी के साथ बिताया गया रोमांस का एक पल किसी भी मूल्य परखरीदे गए शारीरिक सुख से ज्यादा सुखदायीं है,आपके माँ बाप की सेवा में की गयी खर्कग किसी भी मंदिर बनाने के लिए दी गयी लाखों रूपये पर भारी है,आपके किसी भी पार्टी में खर्च गये गए लाखों रूपये आपके दोस्तों के साथ बिठाये गए माजक मस्ती के 2 पल के सामने कंही नहीं ठहरता, ये सब बातें आपने खुद महसूस की होंगे,
जिंदगी से हम जितनी शिकायत करते है जिंदगी उतनी बुरी भी नहीं है,बस अपना देखने का नजरिया है,हमारे पास क्या नहीं है उस को पाने के लिए हम उसको भी भूल जाते है की हमारे पास क्या है???
जो है उसको एन्जॉय करना सीखिये,जिस ख़ुशी की तलाश में आप इतना भटक रहे है वो आपके भीतर ही है,
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