Tuesday, 6 September 2016

आज कल

# मेरे जैसे कुछ सोशल मीडिया एडिक्टेड व्यक्तियों को समर्पित

कितनी बढ रही है लोगो में खुश् दिखने की चाहते,
फेसबुक पर हर चेहरा हँसता हुआ दिखता है आजकल,

हर तरफ सिर्फ सेल्फीया उपलोड हो रही खुद  की,
इतने अकेले हो गए है कि कोई फोटो खिचने वाला भी नहीं बचा आजकल,

हर किसी की फ़्रेंडलिस्ट में 1000 से ज्यादा दोस्त है,
मगर किसी से दिल की बात कह सके ऐसे कोई दोस्त नहीं आजकल,

क्या हों रहा है जमाने में सब कुछ ट्विटर बता देता है,
पड़ोस में क्या हो रहा है बस पता नहीं चलता आजकल,

कागज कलम को अपनी बेबसी पर रोते हुए देखा,
उंगीलिया बस मोबाइल पर सरकती है आजकल,

उंगीलिया माग करने लगी है ओवरटाइम की,
जुबान पर तो मंदी की मार सी है आजकल,

रोटी कपड़ा और मकान की चाहत अब oldfashion हो गई,
फ्री वाईफाई का मुद्दा ही इलक्शन जीता देता है आजकल,

बच्चो के खिलोने कब मोबाइल में तब्दील हो गई,
वो बचपन की भागदौड़ मोबाइल में ही सिमट गई आजकल,

नशे की लत को दिखाने " उड़ता पंजाब " बना दी,
यहाँ तो पूरी दुनिया इस लत का शिकार है आजकल,

किसी ने दिल बहलाने को बनाया था इस सोशल मीडिया को,
हम तो जिंदगी बहला रहे है इस पर आजकल,

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