uकल मेरे मोबाइल का इयरफोन ख़राब था,मगर गाना सुनने की इच्छा बलवत थी तो मैंने अलमारी से ढूंढ के अपना सोनी का आई पेड़ निकाला और गाना सुनने लगा,
अचानक मुझे ध्यान आया की पिछले 2 सालो से मैंने इसका उपयोग नहीं किया है,और खरीदने के बाद से 3-4 बार ही यूज़ किया है,
मैंने ऐसी चीजो की लिस्ट मन में तैयार की,मेरा हैंडीकैम लगभग 18 महिने पहले use हुआ था,टेबलेट 1साल से सिर्फ बच्चे सन्डे को use करते है,
अलमारी में कपडे 80 %ऐसे है जिनका नंबर लगे साल भर ही गगये,
कुल मिला कर हर तरफ से ये महसूस हुआ की बहुत सी चीजे सिर्फ खरीद ली गई है सब कुछ है बस संतोष नहीं है,अभी भी मन उन चीजो की तरफ लालायित होता है जो नहीं है,मै इतना कुछ पाकर भी खुस नहीं हु क्यों??
आज भी मेरी आय भारत के 90% लोगों से ज्यादा है,मगर मैं खुस नहीं हु,कुछ कमी सी है,
आखिर समस्या क्या है की मैं और मेरे जैसे कितने ही लोग सब साधन संपन्न होते हुए भी खुश नहीं है,चिंतित है,चिड़चिड़े है,
सोचा तो पाया की हम उन चीजो के भागते है जिनकी हमें जरुरत ही नहीं है,हा हमको एक आराम दायक गाड़ी की जरुरत है और हम इसके लिये सक्षम भी है मगर हमारी सोच है की वो गाडी इंडिका न ही होंडा सिटी हो,अगर मै होंडा सिटी खरीदने लायक हु तो मुझे हौंडा सिटी नहीं स्कोडा चाहिए,
घर में टीवी नहीं एलसीडी चाहिए 32 इंच वाला,
स्मार्ट फ़ोन चाहिए तो एप्पल का,
42 rs की undeewear नहीं 168 की जॉकी की अंडरवियर की ,
हमने आपने आप को या कहे की विज्ञापन गुरुओ ने हमारी सोच को इस तरह मोड़ दिया है की
बिना a c के हम व्याकुल हो जाते है,
बिना r o का पानी पि कर हम बीमार ही जाते है
जिंदगी की जरुरी चीजे हमारे पास है,आराम दयाक चीजे हम अफ़्फोर्ड कर सकते है मगर लक्ज़री की ख्वाहिश में हम आराम का मजा भी छोड़ रहे है,
उस चीज के ख्वाहिश में जो हमारे पास नहीं है इस चीज को भूल रहे है जो हमारे पास है
हम ये भूल रहे हैं की
जो चीज चाहो उसे पाना सफलता है,और जो पाओ उसे चाहना खुशी है,
मये सब लिखने का कारण ये है की आज हमारे समाज में कमी किसी की नहीं,मगर
और जुयादा और ज्यादा की लालसा में क्या हैम अपने जीवन का मजा नहीं ख़राब कर रहे,
ये धरती जरूरते सबकी पूरा कर सकती है मगर लालच किसी एक का भी नहीं,
आज हमें वो हर वो चीज चाहिए जिसे आप अपने आयास पास देखते है इसलिए नही की क्योकि आप को उस चीज की जरुरत है इसलिए की उस चीज का न होना आपके सामाजित स्तर को प्रभावित करता है।
ये social status को मेन्टेन करने के फेर में हम उन चीजो का मजा भी खो देते है जो हमारे पास है...
जिंदगी को इतना सीरियसली लेने की कोई जरुरत नहीं है
यहाँ से ज़िंदा बच के कोई नहीं जायेगा
बस जो है उसे एन्जॉय करो..
जो चाहते हो उसे पाने का प्रयास करो
जो मिल जाए उससे संतोष करो
मेरी और भी विषयो पर मेरे विचार पढ़ने के लिए लोग इन करे http://vikashkhemka.blogspot.com
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