Tuesday, 1 December 2015

जो मिला उसके लिए शुक्रिया कीजिये

आज हर कोई अपनी जिंदगी से दुखी है, अपने आप को बदनसीब समझता है ये सोचकर की जो जिंदगी उसके पास है वो शायद इससे और बेहतर जिंदगी का हकदार है,मगर क्या सच है इसका एक आकलन करते है,

अगर आप मेरा ये आर्टिकल अपने मोबाइल में पढ़ रहे है  तो

आप दुनिया के उन 1%लोगो से  भाग्यशाली है जो देख नहीं सकते,या अपनी मानसिक कमजोरी की वजह से पढ़ नहीं सकते, क्योकि दुनिया में 1%लोग अपनी अंधे या दृष्टिरोग से ग्रस्त है,

आप दुनिया के उन 22%लोगो से ज्यादा काबिल है जो अनपढ़ है,क्योकि दुनिया में औसत लिटरेसी रेट 78%है,

आप दुनिया के उन 55%लोगो से भाग्यशाली है जो टेक्नीकल अनपढ़ है मतलब कंप्यूटर या मोबाइल के बारे में तकनिकी जानकारी नहीं रखने के कारण इसका लाभ नहीं ले पाते,

आप दुनिया के 80%लोगो से ज्यादा भाग्यशाली है क्योंकी 80% लोगो के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं है,

अगर आप स्मार्ट फ़ोन use कर रहे है तो इसका मतलब आप की आयकम से कम प्रति महीने 5 अंको में है जो की भारत में 90%परिवारो को उपलब्ध नहीं है,

भगवान् से शिकायते आपकी बहुत कुछ हो सकती है,मगर क्या आपने इस लिए भगवान् को इस के लिए धन्यवाद दिया है जो आपके पास है,

जब आप जूते न होने के लिए भगवान् को कोसते है तो इस बात का कभी शुक्रिया भी कर लिया कीजिये की कम से कम आपके पास पांव तो है,

जो है उसका मजा लीजिये
जो नहीं है उसके लिए प्रयास कीजिये
शिकायते करना बंद कीजिये
शुक्रिया करना चालु कीजिये

जिंदगी  खूबसूरत लगने लगेगी,

शिकायते तुझसे कभी ख़त्म न होगी इ खुदा,
मगर शुक्रिया तूने वो भी दिया वो बहुतो के नसीब में नहीं,

और भी विषयो पर मेरे विचार पढ़ने के लिए लोग इन करे http://vikashkhemka.blogspot.com

धन्यवाद

जो मिला उसके लिए शुक्रिया कीजिये

आज हर कोई अपनी जिंदगी से दुखी है, अपने आप को बदनसीब समझता है ये सोचकर की जो जिंदगी उसके पास है वो शायद इससे और बेहतर जिंदगी का हकदार है,मगर क्या सच है इसका एक आकलन करते है,

अगर आप मेरा ये आर्टिकल अपने मोबाइल में पढ़ रहे है  तो

आप दुनिया के उन 1%लोगो से  भाग्यशाली है जो देख नहीं सकते,या अपनी मानसिक कमजोरी की वजह से पढ़ नहीं सकते, क्योकि दुनिया में 1%लोग अपनी अंधे या दृष्टिरोग से ग्रस्त है,

आप दुनिया के उन 22%लोगो से ज्यादा काबिल है जो अनपढ़ है,क्योकि दुनिया में औसत लिटरेसी रेट 78%है,

आप दुनिया के उन 55%लोगो से भाग्यशाली है जो टेक्नीकल अनपढ़ है मतलब कंप्यूटर या मोबाइल के बारे में तकनिकी जानकारी नहीं रखने के कारण इसका लाभ नहीं ले पाते,

आप दुनिया के 80%लोगो से ज्यादा भाग्यशाली है क्योंकी 80% लोगो के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं है,

अगर आप स्मार्ट फ़ोन use कर रहे है तो इसका मतलब आप की आयकम से कम प्रति महीने 5 अंको में है जो की भारत में 90%परिवारो को उपलब्ध नहीं है,

भगवान् से शिकायते आपकी बहुत कुछ हो सकती है,मगर क्या आपने इस लिए भगवान् को इस के लिए धन्यवाद दिया है जो आपके पास है,

जब आप जूते न होने के लिए भगवान् को कोसते है तो इस बात का कभी शुक्रिया भी कर लिया कीजिये की कम से कम आपके पास पांव तो है,

जो है उसका मजा लीजिये
जो नहीं है उसके लिए प्रयास कीजिये
शिकायते करना बंद कीजिये
शुक्रिया करना चालु कीजिये

जिंदगी  खूबसूरत लगने लगेगी,

शिकायते तुझसे कभी ख़त्म न होगी इ खुदा,
मगर शुक्रिया तूने वो भी दिया वो बहुतो के नसीब में नहीं,

और भी विषयो पर मेरे विचार पढ़ने के लिए लोग इन करे http://vikashkhemka.blogspot.com

धन्यवाद

माँ बहुत झूठ बोलती है

एक कविता पढ़ी ,इसे किसने लिखा मैं नहीं जानता मगर बहुत अच्छी लगी तो अपने ब्लॉग पर शेयर कर रहा हु

.............माँ झूठ बोलती है...................

.सुबह जल्दी उठाने सात बजे को आठ कहती
नहा लो, नहा लो, के घर में नारे बुलंद करती है ,

मेरी खराब तबियत का दोष बुरी नज़र पर मढ़ती
छोटी परेशानियों का बड़ा बवंडर करती है  ..........माँ बड़ा झूठ बोलती है
💚
थाल भर खिलाकर तेरी भूख मर गयी कहती है 
जो मैं न रहू घर पे तो मेरे पसंद की
कोई चीज़ रसोई में उनसे नही पकती है ,
मेरे मोटापे को भी कमजोरी की सूज़न बोलती है .........माँ बड़ा झूठ बोलती है
💚
दो ही रोटी रखी है रास्ते के लिए बोल कर
एक मेरे नाम दस लोगो का खाना भरती है,
कुछ नही-कुछ नही, बोल नजर बचा बैग में
छिपी शीशी अचार की बाद में निकलती है .....माँ बड़ा झूठ बोलती है
💚
टोका टाकी से जो मैं झुंझला जाऊ कभी तो ,
समझदार हो अब न कुछ बोलूंगी मैं,
ऐसा अक्सर बोलकर वो रूठती है
अगले ही पल फिर चिंता में हिदायती होती है ....माँ बड़ा झूठ बोलती है 
💚
तीन घंटे मैं थियटर में ना बैठ पाउंगी ,
सारी फिल्मे तो टी वी पे आ जाती है ,
बाहर का तेल मसाला तबियत खराब करता है
बहानो से अपने पर होने वाले खर्च टालती है ....माँ बड़ा झूठ बोलती है 
💚
मेरी उपलब्द्धियो को बढ़ा चढ़ा कर बताती
सारी खामियों को सब से छिपा लेती है
उनके व्रत ,नारियल,धागे ,फेरे मेरे नाम
तारीफ़ ज़माने में कर बहुत शर्मिंदा करती है .... माँ बड़ा झूठ बोलती है
💚
भूल भी जाऊ दुनिया भर के कामो में उलझ
उनकी दुनिया मैं वो मुझे कब भूलती है, ?
मुझ सा सुंदर उन्हें दुनिया में ना कोई दिखे
मेरी चिंता में अपने सुख भी नही भोगती है .........माँ बड़ा झूठ बोलती है
💚
मन सागर मेरा हो जाए खाली ऐसी वो गागर
जब पूछो अपनी तबियत हरी बोलती है ,
उनके ‘जाये” है, हम भी रग रग जानते है
दुनियादारी में नासमझ वो भला कहाँ समझती है  .........माँ बड़ा झूठ बोलती है ....
💚
उनकी फैलाए सामानों से जो एक उठा लू
खुश होती जैसे उन पे उपकार समझती है ,
मेरी छोटी सी नाकामयाबी पे गहरी उदासी
सोच सोच अपनी तबियत का नुक्सान सहती है ....माँ बड़ा झूठ बोलती है ...
💚

( story of all mothers ....)