Saturday, 16 October 2021

मैं पैसा हूँ

" मैं पैसा हूँ"

मैं आपके सोशल स्टेटस का सिम्बल हूँ
मुझे पाकर आप क्रिटिकल हो जाते है,मैं तो बिल्कुल सिंपल हूँ

मैं आपके रिश्तों के लिए जहर हूँ,
दिमाग मे पहुच जाए तो मैं कहर हूँ,

मैं बोलता नही मगर बोलती बंद कर सकता हूँ,
मैं आपका रुतबा बहुत बुलंद कर सकता हूँ,

 मैं नमक की तरह हूँ ,जिंदगी का स्वाद बढ़ाता हूँ,
ज्यादा हो जाऊ लेकिन तो जीवन मे कड़वाहट लाता हूँ,

मेरे बिना कोई यज्ञ, कोई आयोजन कोई अनुष्ठान नही होते,
पैसों में न बदल पाए तो आपके कोई  गुण महान नही होते

मैं जब भी चाहूं कोई भी नियम तोड़ सकता हु
कार्यपालिका,न्यायपालिका,संसद,मिडिया सबका मुह मोड़ सकता हूँ

फिर भी मेरी कुछ सीमाएं है जिन्है मैं लांध नही सकता
आपके जीवन से मैं खुशियों को बांध नही सकता

मुझसे बात करो तो मैं बात नही करता
मेरी तरफ देखो तो मैं जवाब नही देता,
मुझे पाने के लिए आपने कितनो को खोया
मैं आपको इस बात का हिसाब नही देता,

मैं सिर्फ एक कागज हूँ, जिससे संसार मे हलचल है
मेरे लिए ही सारे फसाद है, मेरे लिए  सारी कलकल है

मेरी उपस्थिति सारी सृष्टि के कण कण में व्याप्त है
मेरी चाहत आपके जीवन को बरबाद करने को पर्याप्त है

मुझसे इतना दिल मत लगाओ मैं हर जगह काम नही आऊँगा
साथ जाएंगे आपके अच्छे कर्म मैं आपके साथ नही जाऊँगा

विकाश खेमका
काटाबांजी