Saturday, 23 March 2019

लाइफ मंत्रा: द एक्स फैक्टर

लाइफ मंत्रा: द एक्स फैक्टर

दुनिया कई प्रकार के लोगो से भरी हुई है,यहाँ टेलेंट की कोई कमी नहीं,और न ही कमी है असफल आदमियों की,और उससे भी ज्यादा संख्या है यहाँ टेलेंटेड असफल व्यक्तियों की,जो टेलेंटेड तो बहुत है मगर फिर भी असफल है,एक सफल इंसान बनने के लिए जो कुछ चाहिए वो सब कुछ होते हुए भी वो असफलता की श्रेणी में आते है तो सिर्फ इसलिए की उनमे कुछ मिसिंग है वो एक महत्वपूर्ण चीज मिसिंग है जिसे आम बोलचाल की भाषा में  "एक्स फैक्टर"कहा जाता है,

मैंने खुद महसूस किया है कि मेरे आस पास के कुछ लोग जो मुझ से कमतर थे, आज मुझसे कंही बेहतर स्थिति में है,चाहे वो सामाजिक क्षेत्र हो,आर्थिक क्षेत्र हो ,पारिवारिक  क्षेत्र हो,या राजनितिक क्षेत्र हो,मगर अपने एक सिमित टेलेंट की बावजूद वो आज अपने अपने क्षेत्र में सफलता से स्थापित है,बचपन से ये पढ़ते और सुनते आये है कि नॉलेज इस पॉवर, लेकिन आज कल महसूस होने लगा है कि बहुत ज्यादा ज्ञान कंफ्यूज करता है, जिस ज्ञान को आप उपयोग में नहीं लेते है वो आपके लिए एसेट्स नहीं बल्कि लाइबिलिटी के तौर पे काम करता है,हर चीज का ज्ञान होना बहुत अच्छी बात है लेकिन एक चीज में स्पेशलिस्ट होना भी आवश्यक है,

आपका दिमाग तेज है अच्छी बात है,लेकिन आपके तेज दिमाग एक दोधारी तलवार की तरह होता है जिसे अगर ढंग से संभाला नहीं गया तो वो खुद को ही काट लेता है,वैसे है अपने आप इकठ्ठा किया गया ज्ञान अगर सही ढंग से उपयोग होने पर आपको मेंटल स्ट्रेस देता है,

आज मोबाइल में कई एप्प्स है जो हमारी जिंदगी को आसान बनाते है,और हम उन्हें मोबाइल में इंस्टाल कर के रखते है,और धीरे धीरे इतने सारे एप्प्स इनस्टॉल कर लेते है कि उनका उपयोग ही नहीं करते और यही सभी एप्प्स धीरे धीरे आपका मोबाइल डाटा बरबाद करते है मोबाइल का स्टोरेज बढ़ा कर उसे स्लो करते है और मोबाइल को हैंग करने लगते है,और लगभग ऐसा ही हम अपनी जिंदगी के साथ भी करते है,कोई भी यूटिलिटी जब तक उपयोग  ना की जाए तो एक लियाबिलिटी है,

मुम्बई में मेरे बहन का एक किराए का घर है इस 500 स्क्वायर फ़ीट के घर का भाड़ा लगभग 45000 है और मेन्टेन्स का 5000 अलग से है लगभग 50000 रूपये महीना,मतलब 100 रूपये स्क्वायर फ़ीट भाड़ा,एक बार उन्हें एक मॉल में शॉपिंग में एक फ्लावर पॉट फ्री ऑफर हुआ, और फ्री का माल किसे अच्छा नहीं लगता,लेकिन घर आने के बाद जब वो फ्लावर पॉट घर में लगाया गया तो।उसने 2x 2 फ़ीट की जगह घेर ली अब देखा जाए तो एक फ्री के फ्लावर पॉट के लिए वो हर महीने 400/-भाड़ा दे रहे है, ऐसे ही मुफ्त की चीजे और ज्ञान हमें लगता है कि हमारी जिंदगी आसान बना देंगे लेकिन अंततः वो हमारे लिए लियाबिलिटी ही साबित होते है,

घर में छोटी मोटी इलेक्ट्रीक प्रॉब्लम के लिए अक्सर इलेक्ट्रीशियन आते है और ठीक कर के चले जाते है एक छोटे से 10 मिनट के काम के लिए 200-300 रुपये ले जाते है,बहुत तकलीफ होती है ऐसा लगता है कि इतना सा काम था ,कितना आसान काम था,हम ही कर लेते,लेकिन कभी कर के देखिये आपको उस 10 मिनट का काम के लिए 2 घंटे से अधिक समय लगेगा तब लगेगा कि नहीं यार इससे अच्छा तो हम उसे 100-200 दे देते,एक्चुअली प्रोफ़ेशनल लोगो द्वारा किया हुआ काम देखने में आसान लगता है क्योंकि उन्होंने इस काम में महारथ हासिल की हुई है,वो एक्सपर्ट है उसी काम के,स्पेशलिस्ट है,और इस स्पेश्लिटी को हासिल करने के पीछे उनकी कई सालों की कड़ी मेहनत है,हम जो प्रोफ़ेशनल लोगो को पेमेंट करते है वो 10 मिनट के काम की नहीं उस बरसो की मेहनत का पेमेंट करते है,

दुनिया में आपकी कीमत उस काम से निर्धारित नहीं होती की आप क्या काम कर सकते है,बल्कि आपकी कीमत इस बात से निर्धारित होती है कि वो काम आपके अलावा कोई नहीं कर सकता,और ऐसा करने के लिए स्पेशलिस्ट बनना पड़ता है,और स्पेसलिस्ट बनने के लिए एक्स फैक्टर चहिये,कैंडी क्रश हो या जिंदगी आप आगे तभी बढ़ते है जब आप आगे आने वाली चुनीतियो को स्वीकार करते है और अपने काम में लगे रहते है,अक्सर 1 किलो काबिलियत पर 100 ग्राम निरंतरता भारी पड़ती है,

खुद को किसी काम के लिए मोटिवेट करना बहुत आसान है आप किसी अच्छे लेखक की किताब पढ़कर,कुछ अच्छे विचार पढ़कर,कभी किसी को देखकर मोटीवेट हो सकते है लेकिन ये मोटिवेशन बनाए रखना बहुत मुश्किल है,हम तभी आगे बढ़ते है जब वो मोटिवेशन हमारी आदत बन जाती है,और आदत बनाने के लिए हमें किसी भी चीज को निरंतर करना पड़ता है,लेकिन किसी भी काम को लगातार करना इतना आसान नहीं है,थोड़े दिनों बाद हम अपने आप से बोर होने लगते है,हमारा धैर्य जवाब देने लगता है,हमें काम बोझ लगाने लगता है और अंततः हम काम को तब छोड़ देते है जब वो पूरा होने वाला होता है, रेस में फर्स्ट आने वाला ,सेकंड आने वाले से दुगुनी मेहनत नहीं करना बस थोड़ी सी ज्यादा मेहनत करता है और यही थोड़ा सा अतिरिक्त प्रयास उसे दुगुना लाभ और सफलता देता है,

जिंदगी के साथ भी लगभग यही है हमें अपने आप में एक क्षेत्र में कोई आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है बल्कि हर क्षेत्र में थोड़े बहुत निरंतर सुधर की आवश्यक्ता है,और ये कंटीन्यूटी ही वो एक्स फैक्टर है जो आपको सफल बनाती है आपको पहचान दिलाती है जो आपको सम्मान दिलाती है, जो आपको स्पेसलिस्ट बनाती है,

विकल्प कई मिलेंगे राह भटकाने के लिए,
संकल्प एक ही काफी है मंजिल तक पहुचाने के लिए,

अपने संक्लपो पर अडिग रहिये,

इस लेख के प्रति आप सभी की अमूल्य राय की प्रातिक्षा में,